राँची:
स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तंबाकू कंपनियां भी अपना व्यापार बढ़ाने के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य कर रहे हैं। वे अब लड़कों के साथ-साथ लड़कियों में भी इसका प्रचलन बढ़ाने की ओर कार्य कर रहीं है। यदि महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं, तो उनका स्वास्थ्य तो प्रभावित होगा हि साथ-साथ आने वाले बच्चों पर भी बुरा असर पड़ेगा। लोगों का तंबाकू के इस्तेमाल से मुक्ति के लिए उनके बीच जागरूकता फैलाकर और सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करा कर ही रोकथाम किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री आज राज्य तम्बाकू नियंत्रण कोषांग एवं सीड्स द्वारा नामकुम में आयोजीत कार्यशाला में बोल रहे थे। इस अवसर पर बन्ना गुप्ता द्वारा Global Youth Tobacco Survey (GYTS) में झारखंड के आंकड़ों का भी विमोचन किया गया।
लड़कों के साथ-साथ लड़कियों को भी लुभा रहीं तंबाकू कंपनियां
बन्ना गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार के ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार भारत में 13 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में 8.5 प्रतिशत छात्र/छात्रा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते है। जबकी झारखण्ड में 13 से 15 वर्ष के आयु वर्ग में 5.1 प्रतिशत छात्र/छात्रा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते है। उन्होने कहा कि कोटपा, 2003 के प्रावधानों को लागू करने का मुख्य उद्देष्य कम उम्र के युवाओं एवं छात्र/छात्राओं को तम्बाकू उत्पाद की पहुंच से रोकना है, इस हेतु कोटपा का शत प्रतिशत अनुपालन किया जाना चाहिए। श्री गुप्ता ने कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों को झारखण्ड विधान सभा में कोटपा संशोधन बिल 2021 के तर्ज पर केन्द्रीय कोटपा कानून में संशोधन करने का भी अनुरोध किया।
मंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार तम्बाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिये प्रतिबद्ध है। सरकार ने इस हेतु विधानसभा में बिल भी पारित किया है, जिसमें तम्बाकू के इस्तेमाल एवं इसके व्यवसाय में संलग्न लोगों के कमसे कम उम्र की सिमा को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष का प्रावधान किया गया है। सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर तम्बाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया ही है, साथ ही साथ स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान, कोर्ट आदि के 100 मीटर दायरे में इसके बेचने व इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। राज्य सरकार ने एक नया पहल भी किया है कि सरकारी संस्थाओं में नए जॉइनिंग करने वाले लोगों द्वारा यह घोषणा करवाया जा रहा है कि वह तंबाकू का इस्तेमाल भविष्य में नहीं करेंगे।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई के साथ-साथ बड़े व्यवसायी जो तंबाकू निर्माण का काम कर रहे हैं, उन पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। झारखंड में सरकार द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल में रोक लगाने के लिये लगातार प्रयाश किये जा रहें है। इसी का परिणाम है कि राज्य में तम्बाकू इस्तेमाल करने वालों का आँकडा 50.1 प्रतिशत से घटकर 38.9 प्रतिश्त हो गया है। लेकिन यह आँकड़ा अभी भी देश के आँकड़े 28.6 प्रतिशत से काफि अधिक है। इस ओर हम सब को सम्मिलित रूप से कार्यप्रणाली बनाकर कार्य करते हुए इसे और कम करने का प्रयास करना है।
कार्यशाला में सीड्स के कार्यपालक निदेशक दिपक कुमार मिश्रा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से राज्य में तम्बाकू नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य विभाग, राज्य स्तरीय तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति एवं सीड्स द्वारा सम्मीलित प्रयास से किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में तम्बाकू इस्तेमाल करने वालों के आँकडे बताये, इन्हें रोकने के लिये सरकार के COTPA-2003 ऐक्ट, JJ ऐक्ट, फूड सेफ्टी ऐक्ट, वेंडर लाइसेंसिंग प्रोविजन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर अभियान निदेशक विद्यानन्द शर्मा, सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा, दी यूनियन के वरीय तकनिकी सलाहकार डॉ0 अमीत यादव, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजीत सिंह, राज्य एन.सी.डी. कोषांग के नोडल पदाधिकारी डॉ0 ललित रंजन पाठक, राज्य सलाहकार राजीव कुमार एवं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से भारत सरकार के उप सचिव पुलकेश कुमार, डॉ रंगासामी नागराजन, पूजा गुप्ता उपस्थित रहें।