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कम से कम 10 कर्मचारी वाले प्रतिष्ठान का झारनियोजन पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य

नियोजन अधिनियम पर कार्यशाला। 12 सितंबर 2022 के बाद से आगामी तीन वर्ष तक सभी नियोजकों को अपने प्रतिष्ठान में नये नियोजन में 75 फीसदी स्थानीय उम्मीदवार को प्राथमिकता देना अनिवार्य।

रांची जिलान्तर्गत निबंधित नियोजकों को झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के क्रियान्वयन हेतु कार्यरत झारनियोजन पोर्टल के संबंध में जानकारी देने हेतु श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग (झारखण्ड) द्वारा आज चैंबर भवन में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नियोजन पदाधिकारी राजेश कुमार के द्वारा 75 फीसदी एक्ट में उपलब्ध प्रावधान और सुविधाओं के संबंध में उपस्थित नियोजकों को अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि इस एक्ट के अंतर्गत आनेवाले 10 या 10 से अधिक संख्या वाले कर्मचारियों तथा 40 हजार रू0 वेतन तक के पदों की नियुक्ति वाले प्रतिष्ठान को झारनियोजन पोर्टल पर निबंधन करना अनिवार्य है अन्यथा इस एक्ट का पालन नहीं करनेवाले प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई का प्रावधान है। नियोजन अधिकारी ने झारनियोजन पोर्टल पर निबंधन की जानकारी, एनेक्चर फोर रिपोर्ट से संबंधित कार्यों को यथाशीघ्र करने की भी बात कही। यह भी कहा कि 12 सितंबर 2022 के बाद से आगामी तीन वर्ष तक सभी नियोजकों को अपने प्रतिष्ठान में नये नियोजन में 75 फीसदी स्थानीय उम्मीदवार को प्राथमिकता देना अनिवार्य है।

कार्यशाला के दौरान नियोजकों द्वारा प्रश्न भी पूछे गये। एक प्रश्न के जवाब में अवगत कराया गया कि एक्ट में एक्जेमशन का भी प्रावधान है। योग्य रूप से स्थानीय उम्मीदवार नहीं मिलने की स्थिति में नियोजन देनेवाले प्रतिष्ठान द्वारा तीन बार नोटिफाइड करने के बाद ही एक्जेमशन क्लेम किया जा सकता है। ऐसे प्रतिष्ठान पर कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। नियोजकों ने कहा कि पोर्टल पर निबंधन के दौरान स्थानीय प्रमाण पत्र की मांग की जाती है, जिसे उपलब्ध कराने में कामगार असमर्थ हो रहे हैं। सीओ ऑफिस में भी रेसिडेंसियल बनाने में कठिनाई हो रही है। रेसिडेंसियल प्रमाण पत्र अपलोड नहीं करने की स्थिति में निबंधन सबमिट नहीं हो रहा है। अधिकारियों ने कहा कि पोर्टल पर अपडेट का विकल्प दिया हुआ है। सर्टिफिकेट बन जाने के बाद पोर्टल को अपडेट किया जा सकता है। नियोजकों ने यह भी कहा कि पोर्टल अभी तक पूर्णतया अपडेट नहीं है जिस कारण कठिनाई हो रही है।

चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि बिना पूरी तैयारी के कानून को प्रभावी करना उचित नहीं है। आवासीय बनाने में होनेवालीे कठिनाईयों से भी उन्होंने अवगत कराया और कहा कि रेसिडेंसियल बनाने के दौरान खतियानी, वंशावली और जमीन के दस्तावेज की मांग किये जाने की नियमित रूप से हमें सूचना प्राप्त हो रही है, जिसे उपलब्ध कराने में कामगार असमर्थ हैं। स्थानीय की परिभाषा भी निर्धारित नहीं है। जरूरी है कि प्रक्रिया को सरल किया जाय और आवासीय के अलावा आधार, राशन कार्ड या वोटर कार्ड के दस्तावेज को मान्य किया जाय। व्यापारी सरकार का सहयोग करना चाहते हैं पर प्रक्रिया को सरल बनाना होगा। नियोजकों की समस्या को देखते हुए उन्होंने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर माननीय मंत्री से भी वार्ता की बात कही। महासचिव परेश गट्टानी ने कहा कि व्यापारी या उद्यमी को उनकी जरूरत के हिसाब से स्किल्ड लेबर भी उपलब्ध होना चाहिए। कानून लोकप्रिय होगा तभी इसका अनुपालन करना आसान होगा। पोर्टल से जुडी नियोजकों की कुछ प्रमुख समस्याओं से भी उन्होंने अधिकारियों को अवगत कराया।

नियोजकों के आग्रह पर अधिकारियों ने अप्रेंटशीप पर भी जल्द कार्यशाला के आयोजन की बात कही। कार्यशाला के दौरान उन्होंने झारखण्ड रोजगार पोर्टल की भी जानकारी दी और कहा कि भविष्य में दोनों ही पोर्टल एक साथ मर्ज कर दिये जायेंगे। यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर नियोजक सीधे उनसे 7033115157 अथवा [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं। कार्यशाला में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सदस्या अंकिता वर्मा के अलावा सैकडों नियोजक उपस्थित थे।

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