झारखण्ड ओबीसी आरक्षण मंच ने धुर्वा में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती शताब्दी मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने किया।
इस अवसर पर कैलाश यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
यादव ने कहा की “गुदड़ी के लाल” थे जननायक कर्पूरी ठाकुर। वे ईमानदारी और सादगी के प्रतिमूर्ति थे। उन्हें भारत रत्न देने की पिछड़ा एवं अति पिछड़ा समाज कई वर्षों से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग कर रहे थे। जिसके पूरा होने पर यह समाज आज बेहद खुश है । भारत रत्न मिलने से आज समग्र समाज गर्व महसूस कर रहा है। कर्पूरी ठाकुर फिर से जीवित हो गए हैं, वह अमर हो गए।
कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया
कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न के असली हकदार थे। जयंती के मौक़े पर हम उन्हें कोटि-कोटि नमन करते हैं। कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। इस आरक्षण के साथ आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मजबूती के लिए सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया था। उन्होंने ग्रामीणों के लिए भूमि सुधार कानून लाकर दबे कुचले लोगों को भूमिहीन होने से बचाने एवं मौलिक अधिकार देने का काम किया था। ऐसे पुरोधाओं को बारंबार वंदन है।
कार्यक्रम में नंदन यादव, सुधीर गोप, राजकिशोर सिंह, सरजू प्रसाद, चंद्रिका यादव, प्रिंस ठाकुर, सत्रुघन ठाकुर, आकाश कुमार, सुनील कुशवाहा, मैनेजर राय, उमेश राय, राम इकबाल चौधरी और सुबोध ठाकुर सहित कई लोग मौजूद थे।