HomeJharkhandवर्तमान परिप्रेक्ष्य में पत्रकारिता व पत्रकारों की चुनौतियां विषयक संगोष्ठी आयोजित

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पत्रकारिता व पत्रकारों की चुनौतियां विषयक संगोष्ठी आयोजित

पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स का दर्जा,न्यूनतम मजदूरी,पत्रकार सुरक्षा कानून, बीमा आदि सुविधाओं की उठी मांग।

रांची:

ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन की रांची जिला इकाई के तत्वावधान में वर्तमान संदर्भ में पत्रकारिता व पत्रकारों की चुनौतियां विषयक एक संगोष्ठी का आयोजन काली स्थान रोड स्थित काॅमरेड महेंद्र सिंह सभागार में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के रांची जिला अध्यक्ष पुष्कर महतो ने की । एआईएसएमजेडब्लूए के झारखंड,बिहार व बंगाल प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के सबसे सशक्त व सजग प्रहरी होते हैं। विषम परिस्थितियों में भी अपनी जान जोखिम में डालकर पत्रकारों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना पड़ता है। इसके बावजूद पत्रकार मीडिया हाउस के मालिकों के शोषण का शिकार होने को विवश होते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की एकजुटता से ही पत्रकारों के हितों का संरक्षण संभव है। उन्होंने अपने हक व अधिकार के लिए सदैव सजग रहने की पत्रकारों से अपील की।

पत्रकारों को हक दिलाने की दिशा में यही एकमात्र संगठन है, जो सही दिशा में काम कर रहा है।
संगोष्ठी में प्रदेश महासचिव जितेंद्र ज्योतिषी ने कहा कि अधिकतर लघु व मध्यम श्रेणी के पत्रकार शोषित होते हैं । शोषण के विरुद्ध एकजुट होकर आवाज बुलंद करना जरूरी है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार केबी मिश्र ने कहा कि एआइएसएम जेडब्लूए पत्रकार हित के लिए लगातार संघर्षरत है। पत्रकारों को हक दिलाने की दिशा में यही एकमात्र संगठन है, जो सही दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को किसी भी परिस्थितियों में अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करना चाहिए। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार सत्यप्रकाश ने पत्रकारों को संगठित होकर अपने अधिकार के लिए संघर्षरत रहने की अपील की। संगोष्ठी को एसोसिएशन के प्रदेश सचिव राघव सिंह, नागेन्द्र शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष मो.सईद, श्रमिक नेता शुभेंदु सेन, भुनेश्वर केवट,सुमन मिश्रा ने भी संबोधित किया।

वक्ताओं ने पत्रकारों को फ्रंट लाइन वॉरियर्स का दर्जा देने, पत्रकारों के न्यूनतम मजदूरी,पत्रकार सुरक्षा कानून,पत्रकारों के बीमा व मेडिकल आदि सुविधाओं की मांग पर बल दिया।
एसोसिएशन के रांची प्रमंडलीय अध्यक्ष फिरोज जिलानी ने कहा कि तानाशाही प्रवृत्ति व पूंजीवादी शक्तियां लोकतंत्र और पत्रकारिता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। वक्ताओं ने कहा कि आजादी की लड़ाई में कलमकारों की भूमिका अहम रही है,जिसे वर्तमान में भुलाकर क्रांति के मशाल को बुझाने की साजिश रची जा रही है। लोकतांत्रिक मर्यादाओं की रक्षा के लिए भी पत्रकारिता के मान – सम्मान व स्वाभिमान को बचाकर करने की जरूरत है। इसलिए पत्रकार लोकतंत्र की रक्षा में अपनी ऊर्जा को लगाए।
कार्यक्रम में देश भक्ति गीत लोक गायिका व झारखंड आंदोलनकारी सीमा देवी ने प्रस्तुत किया। एसोसिएशन के प्रमंडलीय प्रभारी नवल किशोर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
संगोष्ठी के पूर्व कोरोनाकाल में दिवंगत हुए पत्रकारों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर शहीद पत्रकार साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संगोष्ठी में मो. उस्मान खान, बिशु प्रसाद,आदिल रशीद,प्रविंद्र कुमार पाण्डेय,मनोज श्रीवास्तव,संजीत कुमार दीपक,संदीप कुमार जैन,
अमित दत्ता,दिनेश हजाम,रेहान अख्तर,नसीम अख्तर,अशोक द्विवेदी,कमलेश दुबे,राशिद इमरान,धनेश बनर्जी,गुलाम शाहिद,मो.नकी इमाम रिज़वी,प्रेम शंकर साहू, बुलंद अख्तर सहित अन्य मौजूद थे।

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