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हर-हर बम-बम और जय श्री राम के नारे से गूंज उठा झारखंड विधानसभा

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र : सदन के बाहर भाजपा विधायकों ने किया भजन कीर्तन। सदन में रिपोर्टियर टेबल पर बैठ विपक्ष ने जमकर की नारेबाजी।

राँची:

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। सदन के बाहर और भीतर विपक्ष के भारी विरोध और आक्रामक तेवर को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष को सभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

हंगामे की भेंट चढ़ी सदन की कार्यवाही, प्रश्नकाल बाधित
पूर्वाहन 11:15 बजे विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो के आसन ग्रहण करते ही भाजपा विधायक “जय श्री राम” का नारा लगाते हुए वेल में आ गए। स्पीकर ने भाजपा विधायकों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया, लेकिन उनका अनुरोध बेअसर रहा। शोरगुल के बीच ही स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी। कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद, झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने शोर-शराबे के बीच अल्प सूचित प्रश्न पढ़ा। जिस पर स्पीकर ने संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को जवाब देने के लिए कहा। इस बीच भाजपा विधायक वेल में नारेबाजी करते रहे। स्पीकर के अनुरोध का कोई असर भाजपा विधायकों पर नहीं हुआ। भाजपा विधायकों पर उनके अनुरोध का कोई असर नहीं होता देख स्पीकर ने 11:30 बजे सदन की कार्यवाही 12:45 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

शोरगुल के बीच 4684.93 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पेश
अपराह्न 12:50 बजे सदन में स्पीकर के आसन ग्रहण करते ही पुनः भाजपा विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। इस बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने हंगामे के बीच 4684.93 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। इसके साथ ही सभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधायकों का कार्यस्थगन प्रस्ताव स्पीकर ने किया अमान्य
सोमवार को विधानसभा में आजसू विधायक लंबोदर महतो, भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह, भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही व जयप्रकाश पटेल की ओर से विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया था। लंबोदर महतो ने राज्य के निजी क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले कर्मियों के लिए आरक्षण की नियमावली लागू करने और नियोजन नीति में संशोधन करने पर चर्चा करने का अनुरोध किया था। वहीं, भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति को लेकर और पारा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने को लेकर मुद्दा उठाया था। भाजपा के जयप्रकाश पटेल ने शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी में प्राथमिकता और नियोजन नीति स्पष्ट करने का प्रस्ताव दिया था। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने नियोजन नीति नियमावली में संशोधन करने और आदिवासी मूलवासी को नौकरी में प्राथमिकता देने पर चर्चा कराने की मांग की थी। जिसे स्पीकर ने अमान्य कर दिया।

सत्ता पक्ष ने महंगाई के लिए केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार

विधानसभा में द्वितीय पाली में महंगाई पर चर्चा के दौरान झामुमो के लोबिन हेंब्रम, कांग्रेस के उमाशंकर अकेला प्रदीप यादव, भाकपा माले के विनोद सिंह ने महंगाई के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। चर्चा के क्रम में झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठे आश्वासन देकर देश की जनता को गुमराह करने में लगे हुए हैं। वही उमाशंकर अकेला ने कहा कि प्रधानमंत्री की जनविरोधी नीतियों के कारण ही महंगाई बेलगाम होती जा रही है। प्रदीप यादव ने कहा के केंद्र की भाजपानीत सरकार के शासनकाल में कमरतोड़ महंगाई से देश की जनता त्रस्त है। वहीं, भाकपा माले के विनोद सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की नीतियां जनहित में नहीं है इस वजह से महंगाई में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।
पक्ष-विपक्ष हुए आमने-सामने
विधानसभा में द्वितीय पाली में भाजपा विधायकों द्वारा लगातार किए जा रहे हंगामे के प्रतिक्रियास्वरूप सत्ता पक्ष के कई विधायक भी वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस के डॉ. इरफान अंसारी, बंधु तिर्की, अनूप सिंह, अंबा प्रसाद, उमाशंकर अकेला सहित अन्य कई विधायक भी वेल में आकर भाजपा विधायकों द्वारा किए जा रहे हंगामे का विरोध करने लगे। कुछ पल के लिए स्थिति तनावपूर्ण भी हो गई। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सत्ता पक्ष के विधायकों को समझा-बुझाकर वापस अपने सीट पर बैठने का निर्देश दिया। इस बीच भाजपा के विधायक रिपोर्टियर टेबल और कुर्सी पर कब्जा जमा कर बैठ कर नारेबाजी करते रहे। इससे लगभग एक घंटे तक सदन बाधित रहा। इस बीच स्पीकर ने महंगाई पर चर्चा के लिए विधायकों को अनुमति दी।
भाजपा विधायकों द्वारा हंगामा और शोरगुल बंद करने का स्पीकर ने काफी अनुरोध किया। लेकिन उनकी एक न चली। हंगामे के बीच स्पीकर ने अपने आसन से खड़े होकर भी भाजपा विधायकों को अपने स्थान पर बैठ जाने का आग्रह किया। लेकिन इसका भी असर विपक्ष के विधायकों पर नहीं नहीं पड़ा। इसके बाद स्पीकर ने सभा की कार्यवाही मंगलवार को पूर्वाह्न11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
विधानसभा में नमाज़ के लिए पहले भी आवंटित हो चुका है कमरा : सुबोधकांत सहाय
पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि झारखंड विधानसभा भवन में नमाज पढ़ने के लिए कक्ष आवंटन को भाजपा द्वारा बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है। भाजपा का यह कृत्य संकीर्ण मानसिकता और ओछी राजनीति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनहित के मुख्य मुद्दों से भटक कर सांप्रदायिकता को रंग देने में जुटी हुई है।
झारखंड विधानसभा में पूर्व से ही स्थापित परंपरा के अनुसार नमाज पढ़ने के लिए कक्ष का आवंटन किया गया है। झारखंड अलग राज्य गठन के बाद जब भाजपा के बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री थे और इंदर सिंह नामधारी विधानसभा अध्यक्ष थे, उस समय पुराने विधानसभा भवन के ई ब्लॉक के तीसरे तल्ले पर भी नमाज पढ़ने के लिए कक्ष आवंटित किया गया था। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी, ताकि सत्र के दौरान मुस्लिम समुदाय के विधायकों व अन्य कर्मियों को नमाज के लिए विधानसभा भवन से दूर न जाना पड़े।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उनकी ही पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल से ही यह व्यवस्था रही है। इसके बावजूद इस मुद्दे को तूल दिया जाना भाजपा की सांप्रदायिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान सदन में जिस प्रकार भाजपा ने वेल में आकर रिपोर्टियर टेबल पर कब्जा जमाकर विरोध प्रदर्शन किया, वह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन ही कहा जाएगा। इसके पूर्व भी मॉनसून सत्र के पहले दिन भाजपा ने शोक प्रस्ताव के दौरान हंगामा कर अनुशासनहीनता का परिचय दे दिया है। भाजपा सांप्रदायिकता के अपने पुराने एजेंडे को लेकर झारखंड में लोकतांत्रिक परंपराओं का हनन करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता सब देख रही है। सदन में जिस प्रकार अनुशासनहीनता का भाजपा ने परिचय दिया है, इससे स्पष्ट दिखने लगा है कि भाजपा को जनहित के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।

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