झारखंड में सोची-समझी साजिश के तहत सरना व सनातन धर्म के लोगों के बीच आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। रविवार को ये बातें भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डा. आशा लकड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में पुलिस-प्रशासन ने रामनवमी पर्व के दौरान विसर्जन जुलूस निकालने पर रोक लगा दिया। पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड के हल्दीपोखर में रामनवमी के विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव किया गया। इधर, रांची में सरहुल के त्योहार के दौरान लोअर करमटोली, नगड़ी प्रखंड के चेटे गांव, ठाकुरगांव व हजारीबाग में असामाजिक तत्वों ने सरना झंडा को जलाकर आदिवासी व सनातन धर्म के लोगों के बीच आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया है। सिर्फ यही नहीं, जमशेदपुर के कदमा स्थित शास्त्रीनगर में ब्लॉक नम्बर-3 चौक के समीप हनुमान झंडा के बांस में असामाजिक तत्वों ने पॉलीथीन में मांस का टुकड़ा बांधकर क्षेत्र में तनाव का माहौल उत्पन्न कर दिया। इससे यह स्पष्ट है कि झारखंड राज्य में सनातन व सरना धर्म के लोगों की आस्था के साथ सुनियोजित साजिश के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की गई है। इन सभी मामले को लेकर राज्य सरकार की मानसिकता दोयम दर्जे की प्रतीत हो रही है। राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं आदिवासी हैं। खुद को आदिवासियों का हितैषी कहते हैं और उन्हीं के राज में आदिवासियों के आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फिर भी झारखंड सरकार मौन है। डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य में सोची-समझी साजिश के तहत सरना व सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है। सरना व सनातन धर्म के लोगों को भड़काने व आपस मे लड़ाने का काम किया जा रहा है। सरहुल पर्व के दौरान जानबूझकर आदिवासियों के आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है। सरना झंडा आदिवासियों के धर्म, संस्कृति, परंपरा व एकजुटता का प्रतीक चिह्न है। इसी प्रकार, रामनवमी के त्योहार से सनातन धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजनीति का ध्रुवीकरण न करे। सरना व सनातन धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को चिन्हित कर तत्काल एक्शन ले। साथ ही पुलिस-प्रशासन को दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दे।