राँची:
पारस अस्पताल राँची में एक 32 वर्षीय युवक का सफल इलाज किया गया। चिकित्सकों के मुताबिक़ युवक क्रेनियो सर्वाइकल डिस्टोनिया नामक बीमारी से ग्रसित था।यह बीमारी जल्दी पकड़ में नहीं आती है, जिसके कारण युवक पिछले 30 वर्षों से इलाज के अभाव में कष्टमय जीवन जीने को मजबूर था।
राँची के ही रहनेवाले 32 वर्षीय युवक को बचपन से ही लाचारी की परेशानी हो रही थी। युवक जब 2 वर्ष का था तभी से वह इस बीमारी का शिकार हो गया था। वह न तो बोल पता था, न लिख पाता था और उसकी गर्दन टेढ़ी रहती थी। बचपन में ऐसी समस्या होने पर आम तौर पर लोग इसे लकवा समझ बैठते हैं। युवक के माता-पिता भी अपने बच्चे की समस्या लकवा कर काफ़ी दिन तक इलाज करवाते रहे। चिकित्सक भी लकवा की दवाइयाँ चलाते रहे, लेकिन पीड़ित युवक को कोई फ़ायदा नहीं हुआ। पीड़ित युवक के पिता भी एक चिकित्सक हैं।
अंत में युवक के पिता ने पारस अस्पताल के चिकित्सक डॉ संजीव शर्मा से मुलाक़ात की और अपने बच्चे की समस्या को बताया। डॉ संजीव की सलाह पर पीड़ित युवक के पिता ने उसे अस्पताल में एडमिट किया। पारस अस्पताल में जाँच करने पर पाया गया की युवक को क्रेनियो सर्वाइकल डिस्टोनिया नामक बीमारी है। इसके बारे में जानकर युवक के पिता ने अस्पताल को बताया कि अभी तक उन्होंने इसकी जाँच ही नहीं करवाई थी।
बीमारी का पता चलने के बाद पारस अस्पताल राँची के डॉ संजीव शर्मा ने युवक का इलाज शुरू किया। इस बीमारी के इलाज में बोटॉक्स (Botox) इंजेक्शन देकर युवक को ठीक किया गया।