राँची:
अपने अदम्य साहस, क्रांतिकारी विचार धारा और शब्दों से सेना संगठित कर स्वदेश की आज़ादी के लिए क्रांति का बिगुल फूँकने वाले राष्ट्रीय सिरमौर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में मनाई गई। इस अवसर पर 2019 में झारखंड की तत्कालीन माननीय राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और 2021 में माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैंश द्वारा सर्वश्रेष्ठ एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी पुरस्कार से सम्मानित व वर्तमान में राँची विश्विद्यालय सह राज्य के NSS समन्वयक डॉ० ब्रजेश कुमार, प्राचार्य समरजीत जाना, उप प्रधानाचार्य श्री एस.के. घोष, श्री एस.के. झा, श्री बी.एन. अनुभाग प्रभारी, विद्यालय के NSS कार्यक्रम अधिकारी श्री शशांक कुमार सिन्हा, डॉ० मोती प्रसाद एवं अन्य शिक्षकों ने नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।
विद्यालय के NSS और NCC के छात्रों द्वारा नेताजी को सलामी देते हुए राष्ट्र सेवा की शपथ ली गई । कक्षा पाँचवी की छात्रा लावण्या अत्री ने अपने अभिभाषण से नेताजी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। नेताजी के परिधान से सज्जित कक्षा पाँचवी के छात्र हर्ष आकर्षण का केंद्र बने। वहीं गायन मंडली ने हम दिल्ली जाएँगे … गीत को मधुर स्वर देते हुए देशभक्ति की भावना को उद्वेलित किया।
प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने नेता जी को एक जीवंत राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए स्वतंत्रता के लिए भारतीय संघर्ष में नेताजी के योगदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नेताजी के बचपन के दिनों की घटना को याद करते हुए छात्रों को देश सेवा के लिए प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि डॉ० ब्रजेश कुमार ने पराक्रम दिवस मनाने के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए भारत को वीरों का देश बताया और छात्रों में नेताजी के नारों द्वारा छात्रों में उत्साह का संचार किया। उन्होंने कहा कि देश सेवा के भाव से बढ़ाये गए हर कदम मील का पत्थर साबित होता है। इस क्रम में उन्होंने विद्यालय के NSS कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि जेवीएम श्यामली झारखंड का एकमात्र स्कूल है जहाँ विद्यालय के कार्यक्रम अधिकारी श्री शशांक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में वर्ष 2007 से NSS सफलतापूर्वक चल रहा है। 2011 में एनएसएस के स्वयंसेवकों ने श्यामली कॉलोनी और आसपास के उपेक्षित और अभिवंचित बच्चों को पढ़ाने के लिए “मुस्कान क्लासेस” के तहत क्लास रूम शिक्षण शुरू किया। जिससे प्रेरित होकर अब झारखंड को कॉलेजों में भी गरीब और अभिवंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा दी जाने लगी है।
कार्यक्रम का समापन राष्टगान से हुआ।