सरला बिरला पब्लिक स्कूल ने 11 अगस्त 2023 को बच्चों के समग्र विकास हेतु और उनके बुजुर्ग अभिभावकों के सम्मान में ग्रैंड पैरेंट्स डे-‘वात्सल्यम-2023 मनाया। विद्यालय के केजी-2 के बच्चों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर आधारित बहुत ही शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) पंकज कुमार चतुर्वेदी, डीन सह प्राचार्य, छोटानागपुर लॉ कॉलेज, रांची विश्वविद्यालय, रांची ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद विद्यालय के बच्चों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। केजी 2-ई के छात्रों ने ‘रेनबो ऑफ इक्वलिटी‘ विषय पर प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में एसडीजी नंबर – 5 लैंगिक समानता को दर्शाया गया। इंद्रधनुषी रंग की पोशाक पहने बच्चों ने अपने सुंदर कदमों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद केजी 2-ए के बच्चों ने ‘शेयरिंग इज केयरिंग‘ थीम पर मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन किया। बच्चों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी के प्रति उदार होने की आवश्यकता पर बल दिया। केजी 2-डी के छात्रों द्वारा ‘जलवायु संरक्षण‘ विषय पर एक आकर्षक प्रदर्शन किया गया, जिसमें जलवायु परिस्थितियों पर मानवीय क्रियाकलापों के प्रभाव को दर्शाया गया है। केजी 2-सी के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने ‘जस्टिस लीग‘ थीम पर नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को थिरकने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम ने एसडीजी-16- शांति, न्याय और मजबूत संस्थानों का संदेश दिया। केजी 2-बी के छात्रों ने ‘वी आर द वर्ल्ड‘ गीत के माध्यम से एकता और अखंडता का संदेश दिया। यह कार्यक्रम उपस्थित ग्रैंड पैरेंट्स के लिए अपने पोते-पोतियों में प्रतिभा और परंपरा के मिश्रण को देखने का एक अविस्मरणीय क्षण था।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) पंकज कुमार चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय की मांग हैं। यह बच्चों को अपने बड़ों का सम्मान करना सीखाने के साथ-साथ अपने रचनात्मक कौशल विकसित करने का भी एक तरीका है। उन्होंने जीरो हंगर पर प्रस्तुत कार्यक्रम की बेहद प्रशंसा की और सभी से अनुरोध किया कि वे अपनी थाली सोच-समझकर भरें ताकि हमारे समाज में कोई भी खाली पेट न सोए।
विद्यालय के कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रमुख डॉ. प्रदीप वर्मा ने प्रत्येक वर्ष ऐसे प्रासंगिक विषयों पर इस तरह कार्यक्रम के संचालन के लिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने कहा कि बुजुर्ग बच्चों के जीवन में गलतियों को मिटाने वाले इरेजर की तरह होते हैं इसलिए, बच्चों को उन बड़ों का सम्मान करना सीखना चाहिए। उन्होंने बच्चों के भावनात्मक और आध्यात्मिक विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम आर्ट इंटीग्रेटेड शिक्षण का हिस्सा हैं जो उनमें जीवन मूल्यों को बढ़ाने में तथा स्थिति का विश्लेषण कर समस्या का समाधान करने में मददगार होगा।