खिली धूप में राँची के मोरहाबादी में लगे खादी मेला घूमने का उत्साह बढ़ता जा रहा है। न कनकनी की परवाह न गिरते पारा की। मेला 10:30 बजते ही गुलजार हो जा रहा है और रात 9बजे तक मेले घूमने वालों की भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को भी काफी भीड़ रही। दोस्त व सपरिवार लोग खरीदारी करने पहुंचे रहे हैं। व्यवसायियों के अनुसार मेला में अच्छी बिक्री है। ऐप्लिक बेडशीट, चादर, टेबल क्लाथ, साड़ी, कुशन, स्टाल, कुशन, रोटी कवर, फ्रीज का स्टैंड कवर, पर्स, कुर्ता, जूट का बैग, फोल्डर फाइल, फ्रीज कवर, एप्रोन, कुर्ता, जैकेट के साथ पलास प्रोडक्ट आदि खुब हुई बिक्री।
खादी पलास के साथ कई राज्यों के समान
खादी मेले में पलाश के उत्पाद 30 रुपये तो खादी के बैग 120में मिल रहे है खादी की सिल्क साड़ी 4000 रुपये से सूरु है। व्यापारियों ने बताया कि चादर 1350 रुपये, बंडी 750 रुपये, सिधी कुर्ता 750 रुपये, कारपेट 1600रुपये रजाई 2200रुपये सहारनपुर की फर्नीचर 600 रुपये से सुरु, मडवा लड्डू 180 रुपए कश्मीरी शाल 800 रुपये गुजराती साड़ियां 1500 रुपए तो वही पंजाबी जूती ₹500 बिक रही है।
फैशन शो में दिखा खादी की झलक
महोत्सव में भगवान बिरसा मुंडा सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा देवघर की अनन्या भारद्वाज ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा। “लग जा गले की फिर यह रात ना हो गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी” वहीं शहर की गायिका सुषमा नाग ने नागपुरी गीत गाकर लोगों को झूमाया। तो वही सराईकेला से आए कलाकारों ने छऊ नृत्य की प्रतुती दी।फैशन शो में खादी फेब्रिक को दिखया गया रैप वाक पर जब मॉडल्स खादी के कपड़ो में उतरे तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। खादी फ़ैशन शो हमेशा से महोत्सव में आकर्षण का केंद्र रहा है जहाँ खादी के परिधानों को शोकेस किया जाता है।