झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार के लोग देश में सबसे कम कर्ज लेते हैं, जबकि दक्षिण भारत के राज्य कर्ज लेने में आगे हैं। हाल ही में जारी अखिल भारतीय ऋण एवं निवेश सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में औसत संपत्ति 860 पर केवल 10 रुपए कर्ज है। जबकि दक्षिण भारत के राज्य केरल के हर व्यक्ति के ऊपर 241 रुपए का कर्ज है। बिहार-यूपी के शहरी क्षेत्रों की बात की जाए तो यहां भी लोग कर्ज लेने से बचते हैं।
बिहार में कर्ज का औसत केवल डेढ़ फीसदी है। यानी औसत संपत्ति 2,484 के मुकाबले केवल 37 रुपए कर्ज। वहीं शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा कर्ज आंध्र प्रदेश के लोग लेते हैं। इसके बाद केरल और तेलांगना का नंबर आता है। आंध्र प्रदेश में 1,712 रु. की संपत्ति पर 163 रुपए कर्ज है। यानी प्रति व्यक्ति आय के मुकाबले 9.5 प्रतिशत। इस रिपोर्ट में ऐसे कर्ज को शामिल किया गया है, जो बैंक या किसी संस्था से लिया गया हो। औसत संपत्ति की बात की जाए तो देश में सबसे कम प्रति व्यक्ति औसत संपत्ति 532 रुपए ओडिशा की है। लेकिन संपत्ति के मुकाबले हर व्यक्ति पर 31 रुपए यानी 5.8% कर्ज लिया है।
वहीं हरियाणा, यूपी, व मप्र के लोग कर्ज लेने से गुरेज करते हैं। इन प्रदेशों के लोगों पर औसत कर्ज का प्रतिशत लगभग 2.5% है। देश के औसत की बात की जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की संपत्ति का औसत 1592 रु. है। इसमें प्रति व्यक्ति 60 रुपए का कर्ज यानी औसत 3.8% है। वहीं शहरों में औसत संपत्ति 2,717 के मुकाबले 120 रुपए कर्ज यानी औसत 4.4% कर्ज है।