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प्रोजेक्ट पंछी का मुख्य उदेश्य है,बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव, हिंसा, बाल-यौन शोषण एवं बाल मजदूरी पर रोक लगाना है – उपायुक्त

प्रोजेक्ट पंछी के अंतर्गत बाल संरक्षण समिति के पुनर्गठन हेतु ई-ग्राम सभा का आयोजन किया गया।

देवघर:

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में ई- ग्राम सभा का आयोजन कर सभी प्रखंडो में ग्रामीण बाल संरक्षण समिति (VCPC) के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान उपायुक्त ने जिले में सभी ग्रामीण बाल संरक्षण समिति (VCPC) को पूर्ण रूप से सक्रिय करने के उदेश्य से जिला स्तर व प्रखंड स्तर के अधिकारियों, के साथ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, नीड्स, चेतना विकास के प्रतिनिधियों को पंछी परियोजना के तहत आपसी समन्वय और बेहतर समन्वय के साथ जमीनी स्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया।

बैठक के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने जिले के सभी प्रखंडो में ग्रामीण बाल संरक्षण समिति को सक्रिय और सुदृढ़ करने से जुड़े विभिन्न बिंदुओ पर चर्चा करते हुए इस दिशा में बेहतर कार्य करने के उद्देश्य से तेजस्वनी क्लब की दीदियों के सुझावों से अवगत हुए। आगे उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि ई- ग्राम सभा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बाल संरक्षण समिति के पुनर्गठन के अलावा 30 अगस्त तक सारे बाल संरक्षण इकाई को एक्टिव और सक्रिय करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि सरकार की ओर से बच्चों की सुरक्षा, विकास एवं देख-रेख के लिए विभिन्न तरह की समितियां गठित की गई है, और उन बच्चों के लिए कई प्रकार की योजनाएं भी संचालित है। जिसका मुख्य उद्देश्य कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों का संरक्षण व सुरक्षा करना है। इनकी समुचित देखभाल, स्वास्थ्य, सुरक्षा का ध्यान रखना। ऐसे में आवश्यक है कि बाल अधिकारों और संरक्षण से संबंधित गतिविधियों से जुड़े संबंधित अधिकारी, स्वयंसेवी संस्था एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें, ताकि इस दिशा में बेहतर कार्य योजना के साथ कार्य किया जा सके। साथ ही उपायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न आवश्यक बिन्दुओं पर जमीनी स्तर पर कार्य करने की दिशा में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया।

The main objective of Project Panchi is to stop discrimination, violence, child sexual exploitation and child labor against children – Deputy Commissioner

बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, बाल श्रम के प्रति जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता:- उपायुक्त

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि बाल श्रम, बाल यौन शोषण, पलायन, ट्रैफिकिंग मानव व्यापार, बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लागने के उदेश्य से आज प्रोजेक्ट पंछी का शुभारंभ किया गया है। प्रोजेक्ट पंछी का मुख्य उदेश्य है, सभी के सहयोग से बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव, हिंसा, बाल-यौन शोषण एवं बाल मजदूरी पर रोकथाम लगाना। इसके लिए जिले में सभी ग्रामीण बाल संरक्षण समिति (VCPC) को मजबूत एवं सक्रिय बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। दूसरी ओर बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण संबंधी विषयों पर भी इस दिशा में कार्य योजना बना कर कार्य करते हुए ग्राम स्तर पर बाल श्रम, बाल यौन शोषण, पलायन, ट्रैफिकिंग मानव व्यापार, बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लागने में सक्रिय पहल की जा सके। सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता पड़ने पर संबंधित थाना या किशोर पुलिस ईकाई, जिला बाल सरंक्षण संस्था और बाल कल्याण समिति को तत्काल कार्रवाई के लिए सहयोग लिया जा सके।

The main objective of Project Panchi is to stop discrimination, violence, child sexual exploitation and child labor against children – Deputy Commissioner

उपायुक्त ने प्रोजेक्ट पंछी योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

इसके अलावे बैठक के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल व्यापार से संबंधित विषयों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि सुदूरवर्ती इलाकों के लोगों को भी जागरूक किया जा सके। साथ ही उन्होंने जिले में कार्य कर रही चाइल्डलाइन, स्वयंसेवी संस्थाओं और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सभी प्रखंडों में गठित प्रखंड बाल संरक्षण समिति एवं ग्राम बाल संरक्षण समिति को सशक्त करने के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम कराने का निर्देश दिया गया। आगे उपायुक्त ने बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल तस्करी आदि जैसे मुद्दों पर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया संबंधित अधिकारियो को दिया गया। साथ ही बाल विवाह को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों को चिन्हित करने का निर्देश पदाधिकारी को दिया। इसके अलावे जिले में हो रहे बाल विवाह के बारे में चिंता जाहिर करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिले में बाल विवाह रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे सबको मिलकर पूरा करना है।

बैठक में उपरोक्त के अलावे जिला समाज कल्याण पदाधिकारी , जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, तेजस्वनी क्लब के अधिकारी एवं सदस्य, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन, ग्राम ज्योति, प्रेरणा भारती, प्रवाह, चेतना विकास, नीड्स, क्वेस्ट एलायन्स के अधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी प्रतिनिधि व कर्मी आदि उपस्थित थे।

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