राँची:
सरला बिरला पब्लिक स्कूल में जन्माष्टमी के अवसर पर आस्था और परंपरा को छात्रों में जीवंत रखने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम व रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया। आकर्षक कार्ड बनाने जैसी कलात्मक गतिविधियों सहित बच्चों ने बाल गोपाल के मुकुट, पालना, मटकी और बाँसुरी बनाकर अपनी रचनात्मकता व कलात्मकता प्रदर्शित की। बच्चे राधा-कृष्ण की वेशभूषा में बहुत ही आकर्षक लग रहे थे। मोरपंख, मटका और बाँसुरी पकड़े हुए उन्होंने राधा-कृष्ण के कुछ सुंदर उपदेशों का वाचन किया। विद्यालय परिसर में जन्माष्टमी उत्सव के उपलक्ष्य में बाल-गोपाल के झूलन उत्सव और झांकी को भी बड़े आकर्षक तरीके से प्रदर्शित किया गया जिसमें श्रीकृष्ण के बाल रूप से लेकर कुरुक्षेत्र तक के दृश्य की प्रस्तुति की गई जो त्योहार के महत्व को उजागर करने में सफल रहा।
विद्यालय के कार्मिक व प्रशासनिक प्रमुख डॉ० प्रदीप वर्मा ने कहा कि ये अवसर लोगों को एक सूत्र में बाँधते हैं जो आस्था और विश्वास का प्रतीक है।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने बच्चों को त्योहार की महत्ता बताते हुए शुभकामनाएं दी और उनके इस अद्भुत कार्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह त्योहार धार्मिकता का संदेश देता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।