सरला बिरला पब्लिक स्कूल, रांची ने ‘मेरा सारा तुझपे वारा : सरदार उधम सिंह की देशभक्ति यात्रा‘ विषय पर वार्षिकोत्सव ‘श्रद्धा‘ बड़े उत्साह के साथ मनाया। उत्साह से भरे शानदार शाम की शुरुआत मुख्य अतिथि, बाबूलाल मरांडी, झारखंड विधानसभा सदस्य ( पूर्व मुख्यमंत्री), प्रोफेसर (डॉ.) सविता सेंगर, कुलपति, झारखंड राय यूनिवर्सिटी तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत और उनके द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद हेरिटेज बुक-‘रांची, माई सिटी’ का लोकार्पण किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत आर्केस्ट्रा के साथ स्वागत गीत ‘शुभ स्वागतम‘ से की गई। दर्शकों ने नवोदित संगीतकारों की भावपूर्ण प्रस्तुति की खूब सराहना की।
सरदार उधम सिंह की देशभक्तिपूर्ण वीरता का मंचन
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नृत्य नाटिका थी जिसमें शहीद उधम सिंह की देशभक्तिपूर्ण वीरता को दर्शाया गया। देश की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदान को भी दर्शाया गया। जलियांवाला बाग नरसंहार और भगत सिंह जैसे महान नेताओं के बलिदान के साथ-साथ शहीद उधम सिंह का बदला कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा था। भांगड़ा की थाप, ऑर्केस्ट्रा की झनकार, छऊ, गतका, कलारीपयट्टू में कदमों का समन्वय, विभिन्न देशों के सांस्कृतिक नृत्य हवा में गूंज उठे। शीर्षक गीत ‘मेरा सारा तुझपे वारा‘ की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों, गुमनाम नायकों और भारत रत्न प्राप्तकर्ताओं की वेशभूषा धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। यह कार्यक्रम मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग देने वाले महान देशभक्तों के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश देने में सफल रहा। कार्यक्रम की भव्यता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन तथा विद्यालय गीत के बाद राष्ट्रगान के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी ने उधम सिंह पर आधारित इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि भले ही आजादी की लड़ाई में हम सशरीर शामिल नहीं थे पर हम सब का आज यह दायित्व बनता है कि हम विकसित भारत बनाने का संकल्प करें।
विद्यालय के कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रमुख डॉ. प्रदीप वर्मा ने इस तरह के सफल आयोजन के लिए स्कूल के प्रयासों की सराहना की।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने सरला बिरला परिवार के प्रयासों की सराहना की और विद्यालय के 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को उधम सिंह के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि बीस साल बाद उनका जीवन आने वाली पीढ़ी के लिए एक संदेश बन जाए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उन्हें अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहिए और अपने रास्ते में आने वाले प्रलोभनों से विचलित नहीं होना चाहिए और टेक्नोलोजी के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।