Wednesday, November 6, 2024
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राँची के इस स्कूल में शुरू हुए हाइब्रिड लर्निंग क्लासरूम्स

सरला बिरला पब्लिक स्कूल, रांची में कार्ट ब्लांच हाइब्रिड लर्निंग नोड क्लासरूम्स का उद्घाटन

सीबीएसई, माइक्रोसॉफ्ट और टेक अवांट-गार्ड के सहयोग से, सरला बिरला पब्लिक स्कूल, रांची ने अपने परिसर में कार्ट ब्लांच हाइब्रिड लर्निंग नोड क्लासरूम्स का उद्घाटन किया। इस हाइब्रिड लर्निंग क्लासरूम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, प्रोफेसर डॉ. गोपाल पाठक, कुलपति, सरला बिरला विश्वविद्यालय और श्रीमती परमजीत कौर, प्राचार्या, सरला बिरला पब्लिक स्कूल द्वारा रिबन काटकर किया गया, जिसके बाद गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ दीप प्रज्वलित किया गया। इस मौके पर माता-पिता, छात्र और शिक्षकगण भी उपस्थित थे। कार्ट ब्लांच हाइब्रिड लर्निंग नोड क्लासरूम्स एक अभिनव शैक्षणिक पहल है जो सीबीएसई के प्रतिष्ठित पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजाइन की गई है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को उन्नत डिजिटल उपकरणों और सहयोगी शिक्षण प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत करके क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इस पायलट प्रोजेक्ट का लक्ष्य पारंपरिक कक्षा और विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य के बीच की खाई को पाटना है, जिससे छात्रों के लिए एक संलग्न और समावेशी शिक्षण अनुभव सुनिश्चित हो सके। अभिभावकगण इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर प्रसन्न थे उन्होंने स्कूल को शिक्षा प्रणाली में इस उन्नति को शामिल करने के लिए बधाई दी। इस परियोजना का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया गया।
मुख्य अतिथि, प्रोफेसर डॉ. गोपाल पाठक ने कार्ट ब्लांच हाइब्रिड लर्निंग नोड क्लासरूम्स के उद्घाटन पर स्कूल को बधाई दी। उन्होंने इस क्रांति को बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने में सहायक बताया। उन्होंने छात्रों से आत्मानुशासित और आत्म-प्रेरित होने का आग्रह किया।
प्राचार्या, श्रीमती परमजीत कौर ने कहा कि यह पहल स्कूल के आदर्श वाक्य ‘तमसो माँ ज्योतिर्गमय‘ से मेल खाती है, जिसका अर्थ है ‘अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना‘। कार्ट ब्लांच हाइब्रिड लर्निंग नोड क्लासरूम्स परियोजना तकनीक को शिक्षा में एकीकृत करना है ताकि छात्र तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल युग में भविष्य के लिए तैयार हो सकें। यह सुनिश्चित करते हुए कि छात्र इस तेजी से उन्नत हो रहे डिजिटल युग में भविष्य के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज की दुनिया तेजी से तकनीकी प्रगति द्वारा संचालित हो रही है, और छात्रों को इस तकनीकी वातावरण में मार्गदर्शन करने और सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित करना स्कूल की जिम्मेदारी है।

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