रांची:
दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत बैंकों के निजीकरण के खिलाफ अखिल भारतीय स्तर पर चल रहे आंदोलन का आज दूसरा दिन पूरा हुआ। बैंकों से सम्बंधित विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से आंदोलन का साथ देते हुए की बैंकों में हड़ताल किया। बैंक के गेट पर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कुछ बैंक कर्मचारी एवं यूनियन से जुड़े हुए लोगों ने सड़कों पर जुलूस निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और केंद्र सरकार को चेतावनी दिया सरकार बैंकों के निजीकरण करना बंद करे। अगर फिर भी सरकार नहीं मानी तो बैंक प्रबंधन को लंबे समय तक के लिए बंद किया जाएगा ।
बैंक कर्मचारियों ने सरकार से यह मांग की :-
- बैंक के निजीकरण पर रोक लगाएं ।
- बैंकिंग संशोधन बिल 2021 को स्थगित करें ।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सुदृढ़ किया जाए ।
- ऋण चुककर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ।
- विशाल कॉरपोरेट्स एनपीए को वसूल करें ।
- बैंक जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए ।
- नियमित बैंकिंग कार्यों की आउटसोर्सिंग पर रोक लगाई जाए।
बैंक कर्मचारियों ने बैंक प्रबंधन के विभिन्न प्रतिष्ठानों पर धरना भी दिया । बहु बाजार स्थित इंडियन बैंक के जोनल ऑफिस पर A I B E A के प्रदेश अध्यक्ष वाई पी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण करना बंद करें और तत्काल प्रभाव से बिल को रद्द करें अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए तैयार रहे। बैंक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीटू के प्रकाश विप्लव ने कहा की बैंक हमारी व्यवस्था की रीढ़ है, इसे निजीकरण करने की साजिश न करें, नहीं तो खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ेंगे । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने बैंक कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि करोड़ों जनता की गाढ़ी कमाई जो बैंकों में रखी गई है उसे निजी हाथों में न सौपे। अगर सरकार इस प्रकार की कुकृत्य करेगी तो सड़क से सदन तक आंदोलन किया जाएगा और सरकार को किसान बिल की तरह मुंह की खानी पड़ेगी। हाल के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में घनश्याम श्रीवास्तव, संदीप, अरुण कुमार, अमन कुमार, अरूप चटर्जी, सुशील कांति, हर्ष कुमार, अजय देव, अजय सहित कई महिला कर्मचारी भी शामिल थे।