रांची :
कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल जनवरी माह में 22 से 24 जनवरी तक झारखंड दौरे पर थे। कोलकाता से सीधे धनबाद पहुंचकर उन्होंने बीसीसीएल के कार्यों की समीक्षा की। वहां से रांची आकर सीसीएल और सीएमपीडीआइ के कार्यों की समीक्षा की। बीसीसीएल में समीक्षा के बाद कोल इंडिया के चेयरमैन ने कोल इंडिया की कंपनियों में कोयले की चोरी पर चिंता जतायी। कहा कि इससे राजस्व का भी नुकसान होता है। कोयला चोरी रोकना कोल इंडिया का प्राथमिकता में है।
प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया कोयले की आयात कम करने की दिशा में काम कर रहा है। 2024-25 तक कोल इंडिया को एक बिलियन टन कोयले का उत्पादन करना है। पहले यह लक्ष्य 2023-24 तक का ही थी। उन्होंने कहा कि कंपनी की स्थिति में सुधार हो रहा है। जमीन का मामला जल्द क्लीयर नहीं होेने से खनन में परेशानी हो रही है। इसे दूर किया जा रहा है। राज्य सरकार के साथ समन्वय बैठाया जा रहा है। खनन में परेशानी होने से झारखंड में इसीएल के चितरा और राजमहल माइंस में विशेष असर पड़ रहा है।
रांची पहुंचने पर कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने शुक्रवार को सीसीएल के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कंपनी को ज्यादा से ज्यादा रेल के माध्यम से कोयले की ढुलाई करने का निर्देश दिया। कहा कि इससे प्रदूषण की समस्या दूर हो सकेगी।साथ ही पावर कंपनियों को समय पर कोयले की आपूर्ति का निर्देश दिया। श्री अग्रवाल तीन दिनों के झारखंड दौरे पर हैं। श्री अग्रवाल ने कोल इंडिया एवं इसके सभी अनुषंगी कंपनियों सहित सीसीएल में लागू की जा रही इआरपी प्रणाली के कार्यान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि हमें जल्द से जल्द इस प्रणाली को सुचारू रूप से कंपनी में लागू करना है। इससे कंपनी की कार्यक्षमता एवं दक्षता में और सुधार हो सकेगा। उन्होंने सभी कंपनी को आपस में स्ट्रक्चर एवं नॉलेज शेयरिंग की बैठक कर बेस्ट प्रैक्टिसेस अपनाने का निर्देश दिया। रांची में आयोजित बैठक में सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, निदेशक (कार्मिक) पी वी के आर मल्लिकार्जुन राव, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना), एस के गोमस्ता मौजूद थे।
इधर, सीएमपीडीआइ की समीक्षा के दौरान चेयरमैन ने कहा कि प्रदूषण मुक्त और कोयले की ढुलाई को सस्ता बनाने के लिए सीएमपीडीआइ फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजना पर काम कर रहा है। इस परियोजना की प्रगति ठीक है। पहले चरण में सीएमपीडीआइ 35 खदानों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसका उद्देश्य कोयले की ढुलाई को सुगम बनाना है। जिससे कम से कम प्रदूषण हो। अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कंपनी के इस काम पर संतोष जताया। कहा कि जल्द से इसे पूरा करें। इसके लिए दूसरे चरण का काम भी शुरू करें। शुक्रवार को कांके रोड स्थित कार्यालय में समीक्षा के दौरान उन्होंने इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (इआरपी) की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली। यह एक सॉफ्टवेयर है जिसमें सभी कोयला कंपनियों को अपना डाटा डालना है। कंपनी की सारी गतिविधि इसी के माध्यम से संचालित होगी। चेयरमैन ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द इआरपी का काम पूरा करें। उन्होंने सीएमपीडीआइ द्वारा ड्रोन तकनीकी से सत्यापन का अध्ययन/स्थिति, ई-ऑक्शन स्टेटस एवं ब्लास्टिंग और ब्लास्टिंग रहित खनन पद्धति (एक्सेंट्रिक रीपर के साथ) के बीच लागत की तुलना आदि की समीक्षा की। कंपनी के सीएमडी मनोज कुमार ने कहा कि कंपनी को जो समय सीमा मिली है, उसी के तहत काम करने की कोशिश हो रही है। इस दिशा में कंपनी आगे बढ़ चुकी है। मौके पर निदेशक (तकनीकी/आरडीएंडटी) आरएन झा, निदेशक (तकनीकी/पीएंडडी) एके राणा, निदेशक (तकनीकी/इएस/सीआरडी) एस के गोमास्ता, मुख्य सतर्कता अधिकारी सुमीत कुमार सिन्हा भी मौजूद थे।