मोटर व्हिकल कानून में हुए वर्तमान संशोधन के नये प्रावधान से ड्राइवर बंधु तनिक भी विचलित नहीं हों। यह केवल प्रस्तावित बिल है जो अधिसूचित नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किये जाने के बाद ही संभवतः अप्रैल माह में यह कानून प्रभावी होगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस समेत राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएं इस कानून के प्रावधान में संशोधन के लिए केंद्र सरकार से वार्ता कर रहे हैं। झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स, रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन, झारखण्ड ट्रक ऑनर्स एसोसियेशन, बिरसा बस स्टैंड एसोसियेशन, स्कूल बस एसोसियेशन भी इस कानून में संशोधन के लिए लोकतांत्रिक तरीके से प्रत्येक स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा ताकि ड्राइवर बंधुओं का अहित न हो। इसलिए ड्राइवर बंधु किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें और वाहनों का परिचालन सामान्य रखें।
उक्त बातें चैंबर भवन में आज झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स, रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन, झारखण्ड ट्रक ऑनर्स एसोसियेशन, बिरसा बस स्टैंड एसोसियेशन, झारखण्ड प्रदेश बस एसोसियेशन, स्कूल बस एसोसियेशन और ड्राइवर संघ की संयुक्त रूप से संपन्न हुई प्रेस वार्ता में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहीं। उन्होंने कहा कि हम ड्राइवर बंधुओं के साथ हैं। कानून के प्रावधान से ड्राइवरों ही नहीं बस मालिक और ट्रक मालिक भी प्रभावी होंगे। हम किसी भी स्थिति में ड्राइवर बंधुओं का अहित नहीं होने देंगे। कानून को प्रभावी होने से पूर्व ही आवश्यक संसोधन के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
झारखण्ड ट्रक ऑनर्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष ललित ओझा ने कहा कि बंद किसी समस्या का समाधान नहीं है, हमें स्ट्राइक से बचना चाहिए। यह कानून आया नहीं है बल्कि प्रस्तावित किया गया है। हिट एंड रन का कानून पूर्व से ही चल रहा है। किसी भी स्थिति में ड्राइवर बंधु के साथ अन्याय होने नहीं दिया जायेगा, इसका हम विश्वास दिलाते हैं।
रांची बस ऑनर एसोसियेशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि प्रस्तावित प्रावधान सभी प्रकार के चालकों पर लागू होता है। केंद्र में विभिन्न संस्थाएं सरकार से वार्ता कर रही हैं, ऐसे में किसी भी स्थिति में वाहनों का परिचालन बंद नहीं करना चाहिए। वर्तमान में हो रहा विरोध बिना सोचे समझे हो रहा है। प्रावधान में है कि किसी वाहन से दुर्घटना होने पर चालक भागे नहीं, प्रशासन का सहयोग करें या संभव हो तो घायल की सहायता करें। न भागने का अर्थ दुर्घटना स्थल पर ही खडे रहना नहीं है बल्कि यदि भीड द्वारा पीटाई की आशंका हो तब घटनास्थल से स्वयं को बचाकर, पुलिस थाने में समर्पण करना है अथवा वाहन मालिक को सूचित करना है। ऐसा करने से हिट एंड रन का मामला नहीं बनेगा।
बस ऑनर एसोसियेशन झारखण्ड के अध्यक्ष सह ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के मनोनित कार्यकारिणी सदस्य अरूण बुधिया ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस इस मामले पर गंभीर है और राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के साथ वार्ता कर रही है। हमें संयुक्त रूप से सक्रिय रहना है ताकि कानून लागू न हो अथवा लागू होने से पूर्व कानून के प्रावधान में सुधार हो सके।
झारखण्ड प्रदेश बस एसोसियेषन के उपाध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि कानून के प्रावधान पूर्णतः जनविरोधी हैं किंतु कहां तक हम बिना हडताल के इसका समाधान कर सकते हैं, पहले इसका रास्ता अख्तियार करना चाहिए। क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष संगठन वार्ता कर रही हैं। ड्राइवर इस कानून से विचलित नहीं हों, संगठन के स्तर पर लोकतांत्रिक तरीके से सभी संभव प्रयास किये जायेंगे, इसका हम विश्वास दिलाते हैं। किसी भी स्थिति में इस कानून के प्रावधान को लागू नहीं होने दिया जायेगा।
ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष राणा बजरंगी सिंह ने कहा कि किसी भी संगठन द्वारा हडताल नहीं किया गया है। ड्राइवरों को किसी साजिष के तहत भ्रमित किया जा रहा है। यह वास्तविकता है कि जब से बिल आया है तब से ड्राइवरों के बीच भय का माहौल बना है। उन्होंने सभी संगठनों से आग्रह किया कि ड्राइवरों के बीच की शंका को दूर करें।
कानून के प्रावधान के विरोध में वाहनों का परिचालन बाधित नहीं करने हेतु चैंबर महासचिव परेश गट्टानी ने अपील करते हुए कहा कि कानून में संशोधन के लिए झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स हर स्तर पर कारवाई करेगा। सह सचिव अमित शर्मा और शैलेष अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि कोई भी कानून संबंधित लोगों के हिसाब से बनना चाहिए। ऐसा कानून स्वीकार्य नहीं है जिससे किसी का अहित होता हो। चैंबर उपाध्यक्ष राहुल साबू ने एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन प्रोटोकॉल पर भी विचार की बात कही।
रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के श्यामबिहारी सिंह और चैंबर के पब्लिक बस ट्रांसपोर्ट के उप समिति चेयरमेन अनिश बुधिया ने संयुक्त रूप से कहा कि अभी फाइनल कानून की प्रतीक्षा की जानी चाहिए।
प्रेस वार्ता में उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, साहित्य पवन, उप समिति चेयरमेन, सुनिल सिंह चौहान, परिवहन व्यवसायी लक्ष्मण साहू, अरूण मिश्रा, मदन पारीख, धीरज ग्रोवर, संजय बडाइक, रिषभ छापडिया, रंजीत तिवारी, सम्राट, संजय पांडे, असफाक आजम, राकेश सिंह, रितेष मिश्रा, गोपाल पारीख, सुनिल माथुर, हरेंद्र प्रसाद, प्रवीण कुमार, इरफान, संजय यादव, अबदुल्ला, जियाउल के अलावा विभिन्न संगठन के पदाधिकारी शामिल थे।