Thursday, November 21, 2024
HomeJharkhandबिजली विभाग की लापरवाही, मासूम को गँवाना पड़ा हाथ

बिजली विभाग की लापरवाही, मासूम को गँवाना पड़ा हाथ

बिजली विभाग की लापरवाही और अधिकारियों के तानाशाही रवैया का खामियाजा भुगत रहा है आलोक । मानवीय संवेदना भी मर चुका है बिजली विभाग के अधिकारियों का , अब तक बच्चे का नहीं लिया सुध!

चतरा:

बिजली विभाग की लापरवाही के कारण मासूम बच्चे का गवानी पड़ी हाथ , इंफेक्शन को रोकने के लिए डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का एक हाथ कांटा । बिजली विभाग के लचर व्यवस्था का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है । शिकायतों के बावजूद विभाग के द्वारा अनदेखी किया जाता है । एक ऐसा ही मामला है ज़िले की कान्हाचट्टी प्रखण्ड के बड़वार गांव का।

बड़वार निवासी रंजीत सिंह के ग्यारह वर्षीय पुत्र आलोक को बिजली विभाग के लापरवाही के कारण अपना एक हाथ गवानी पड़ी है । इस तरह का यह पहला मामला जिले में नहीं है । बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बेजुबान जानवरों की भी मौत हुई है । गरीब किसान व बच्चे भी जर्जर बिजली की तार के चपेट में आकर अकाल मृत्यु या जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है ।

जिले के सुदूर गांवों में बिजली की जर्जर और ढीलेे-ढाले तार मौत को दे रहा है आमंत्रण

हर वर्ष बिजली विभाग के अधिकारी और संवेदकों की मिली भगत से मेन्टेन्स और तार मरम्मति के नाम पर लाखों रुपये का निकासी किया जाता है । ग्रामीण क्षेत्र में पोल की दशा व जमीन से सटे तार विभाग का पोल खोल कर रख दी है । कई गांवों में बिजली के पोल क्षतिग्रस्त है जो कभी भी गिरने के कगार पर हैं,कई बार हादसा होने के बावजूद विभाग दुरुस्त करने को तैयार नहीं है।

झूलते बिजली के तार में करंट लगने से ग्यारह साल का मासूम बच्चा आलोक बुरी तरह झुलस गया

बिजली विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि 11 वर्षीय आलोक कुमार को अपना एक हाथ ही गवाना पड़ा है ।आलोक का बस इतना ही कसूर था कि वह अपने गांव के तालाब के पास शौच के लिए गया था । वापस आते वक्त वह जमीन से सटे बिजली का तार के संपर्क में आ गया । जिससे वह बुरी तरह झुलस कर अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा । जानकारी के अनुसार पास में खड़े उसके दोस्त ने शोर मचाया तब लोगों को पता चला । आलोक के परिजन उसे तुरंत बेहतर इलाज के लिए राँची अपोलो अस्पताल ले गए ।

आर्थिक स्थित खराब होने पर अपोलो अस्पताल से बच्चे को हटाया

अपोलो अस्पताल में 15 दिन ईलाज किए जाने के बाद परिजन का आर्थिक स्थिति बदहाल हो चुका है। आलोक के ईलाज के लिए परिजन घर जमीन गिरवी रख चुके हैं । जिसके बाद परिजनों के द्वारा आलोक को राँची के देवकमल अस्पताल में लाया गया है । फिलहाल देवकमल अस्पताल में आलोक का ईलाज चल रहा है । परिजन का आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ चुका है । पैसों की कमी के कारण बच्चे का समुचित ईलाज नही हो पा रहा है । मासूम आलोक किसी फरिश्ते का इंतजार कर रहा है ।

बिजली विभाग सो रहा है कुम्भकर्णीय नींद

बहरहाल इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों को भी आलोक का ईलाज के लिए पहल करनी चाहिए ताकि वह अपना एक हाथ गवाने के बावजूद जीवन में संघर्ष कर जी सके । अब देखना यह दिलचस्प होगा कि बिजली विभाग के अधिकारी खबर के माध्यम से जानकारी मिलने के पश्चात आलोक का बेहतर ईलाज करवाने में मदद करते हैं या कुम्भकर्णीय नींद में सो जाते है । हालांकि उपायुक्त अंजली यादव से काफी उम्मीद है कि बच्चे का बेहतर ईलाज के लिए सकारात्मक पहल करेंगी ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments