राँची:
झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज देश के राष्ट्रपति आदरणीय महामहिम द्रोपदी मुर्मू/ देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी/मुख्य न्यायाधीश ,सर्वोच्च न्यायालय/राज्यपाल ,झारखंड/मुख्यमंत्री,झारखंड/मुख्य न्यायाधीश,उच्च न्यायालय,झारखंड/मुख्य सचिव,झारखंड/गृह सचिव,झारखंड/सचिव,कार्मिक ,झारखंड/अध्यक्ष,जेपीएससी,झारखंड को एक पत्र भेज कर मांग किया की झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में पदस्थापित अध्यक्ष श्री सुधीर त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाय ।
श्री नायक ने कहा कि श्री सुधीर त्रिपाठी की नियुक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 319 (दो) के तहत अवैध है । भारत के संविधान के अनुच्छेद 319 (2) कहता है कि किसी राज्य लोक सेवा का अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य के रूप में अथवा किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा किंतु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा । इन्होंने यह भी कहा की श्री त्रिपाठी झारखंड के छात्र युवा बेरोजगारों के खिलाफ में कार्य कर रहे हैं और ऐसी रणनीति बना रहे है की वे बेरोजगार ही बने रहे । अगर सरकार इन्हें पद से नही हटाती है तो मंच उच्च न्यायालय के शरण में जायेगा और PIL दाखिल करने का कार्य करेगा।
श्री नायक ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि वह जब झारखंड लोक सेवा आयोग में पदस्थापित थे, तब उनको यह बातें भली-भांति पता था कि हिंदी एवं अंग्रेजी का मार्क्स क्वालिफाइड है और मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ेगा, पर ऐसा किया गया क्योंकि करोड़ों रुपया का लेनदेन हुआ और गलत लोगों को नौकरी दे दिया गया। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच में केस चला तथा सिंगल बेंच और डबल बेंच ने परीक्षा फल को उलट दिया तथा सरकार को आदेश दिया कि उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। मगर आज तक कार्रवाई नहीं की गई ।हद तो यह है कि इस प्रकार करीब 60 लोगों को अवैध तरीके से नौकरी दिया गया और उनसे अरबों रुपया इनके चहेते द्वारा वसूला गया है । अभी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में फैसला सुरक्षित है। यह सब होने के बाद भी सरकार आज तक इन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं करते हुए इन्हें मिलीभगत से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया जो नियमों का खुला उल्लंघन है । श्री नायक ने यह भी कहा की मुख्य सचिव के पद पर सेवा निवृत होने के बाद उनके ऊपर करोड़ों रुपया का हेरा फेरी का इल्जाम लगा था जिसकी जांच अभी तक चल रही है उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक वरिय अधिकारी जो कि पटना में रहते हैं वह गलत करके अपने चहेते लोगो को पैसा लेकर झारखंड सरकार में नौकरी दिलवाना का खेल चला रहे है झारखंड सरकार में नौकरी दिलवाने का खेल चल रहा है उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि यह एक सिंडिकेट चला रहे हैं जो पैसा लेकर नियुक्ति कराने का खेल किया जाता है। इन्होंने मांग किया कि मोबाइल सिम की कॉल डिटेल रिपोर्ट की जांच कराई जाए ताकि यह पैसा लेकर नियुक्ति कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो सके और इनके बैंक बैलेंस इनकी संपत्ति तथा बच्चों के बैक बैलेंस की जांच कराई जाए ताकि इनका भंडाफोड़ हो सके।